✍️Lieutenant. Preeti Mohan
कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा ज़िले का बॉर्डर के पास का इलाका केरन, जो महाराज करण के नाम से प्रसिद्ध हुआ और पवित्र कृष्ण गंगा नदी के तट पर है, यहाँ के लोगो की बोली 'हिंदको' है। जो कि पंजाबी से काफ़ी ज़्यादा मिलती जुलती है।
केरन में कृष्ण गंगा के पवित्र जल से आप स्नान कर के और मात्र 300 मीटर की दूरी पर पाकिस्तान के कब्जे का जम्मू कश्मीर क्षेत्र देख सकते हैं और वहाँ के लोग भी बड़े जोश से आपका स्वागत करेंगे।
केरन की इन विशेषताओं में सबसे ख़ास है इसकी बोली 'हिंदको' जिसमें आप महिये टप्पे और बोलियाँ (Mahiye, Tappe, Boliyan) सुन सकते हैं ।
यहाँ के प्रसिद्ध गायक वकार ख़ान ने माँ बोली 'हिंदको' को आज युवाओं में बहुत प्रसिद्ध कर दिया है, आम कश्मीरी भी पंजाबी और हिंदको गानों को सुनने के लिये अब वकार ख़ान को ही अपनी पहली पसंद मानता है।
पंजाबी गानों के मुरीद हुये कश्मीरी लोगों के लिये वकार ख़ान का क्रेज़ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। कश्मीर के लोग अपनी पार्टीज और पारिवारिक कार्यक्रमों में पंजाबी गीतों को सुनने के लिए वकार ख़ान को ही अपनी पहली पसंद बताते हैं।
पंजाब के पर्यटकों की पहली पसंद 'केरन' यां बॉर्डर टूरिज्म हो गया है। जहां कृष्ण गंगा नदी के किनारे पर स्थानीय लोगों के साथ पंजाबी गीतों की महफ़िल का दृश्य अब आम हो गया है। और इन महफ़िलों पर सीमा पार के युवा भी आपको नाचते गाते मिल जाएँगे।
इस वक़्त पहलगाम से भी अधिक पर्यटक बॉर्डर टूरिज्म की चाह में केरन आ रहें हैं। और यहाँ के रास्ते में आने वाली बंगस घाटी, लोलाब घाटी, मिशेल घाटी का भी आनंद लेते हैं। ये सभी स्थान ज़िला कुपवाड़ा में ही हैं।
Post a Comment