अब पाकिस्तान में श्री राम जी के सुपुत्र राजकुमार लव के मंदिर का होगा पुनः निर्माण 

✍️ Lieutenant. Preeti Mohan

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने पाकिस्तान दौरे के दौरान ऐतिहासिक श्रीराम के पुत्र राजकुमार लव के मंदिर का दौरा किया। इस प्राचीन मंदिर में वर्षों से पूजा-अर्चना बंद है, लेकिन अब इसके पुनर्निर्माण की उम्मीद जगी है।

शुक्ला ने मंदिर स्थल पर पहुंचकर इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को नमन किया। उन्होंने कहा, "यह स्थान भारत और पाकिस्तान की साझा संस्कृति की धरोहर है। भगवान राम के पुत्र लव से जुड़ा यह मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद पवित्र है। इसके संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए दोनों देशों को मिलकर प्रयास करने चाहिए।"

शुक्ला ने बताया, लव की समाधि लाहौर के किले में है। यही नहीं लाहौर के म्युनिसिपल रिकॉर्ड में दर्ज है कि यह नगर (लाहौर) भगवान राम के पुत्र लव के नाम से बसाया गया था और कसूर शहर उनके दूसरे पुत्र कुश के नाम से बसा था। उन्होंने आगे कहा इस बात को पाकिस्तान सरकार भी मानती है।

लव मंदिर का इतिहास:
पाकिस्तान के लाहौर में स्थित प्राचीन लव मंदिर का इतिहास भगवान श्रीराम के पुत्र राजकुमार लव से जुड़ा है। लाहौर का प्राचीन नाम "लवपुरी" था, जिसका नामकरण राजकुमार लव के नाम पर हुआ था। माना जाता है कि इस इस मंदिर का निर्माण सिख साम्राज्य के दौरान किया गया था, ताकि लव की विरासत को संजोया जा सके।

मंदिर में क्यों नहीं होती पूजा-अर्चना:
विभाजन के बाद, इस मंदिर की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती गई, और हिंदू समुदाय के पलायन के कारण यहां पूजा-अर्चना बंद हो गई। आज भी मंदिर के अवशेष मौजूद हैं, लेकिन वहां नियमित धार्मिक गतिविधियां नहीं होतीं। स्थानीय प्रशासन ने इसे ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित रखा है।

लाहौर का लवपुरी से जुड़ाव:
ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, लाहौर का नाम संस्कृत शब्द "लवपुर" से निकला है। इसे लवपुरी भी कहा जाता था, क्योंकि यहां राजकुमार लव ने अपनी राजधानी स्थापित की थी। समय के साथ, लवपुर का नाम लाहौर में बदल गया, लेकिन इस शहर की जड़ें रामायण काल से जुड़ी हैं।

कैसे पहुंचे लाहौर फोर्ट:
लव मंदिर, लाहौर के प्रसिद्ध लाहौर फोर्ट (शाही किला) के पास स्थित है। अगर आप पाकिस्तान में हैं, तो लाहौर रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डे से लाहौर फोर्ट आसानी से पहुंच सकते हैं। यह किला शहर के बीचों-बीच स्थित है और यहां तक ​​पहुंचने के लिए टैक्सी या स्थानीय बस का सहारा लिया जा सकता है।

पुनर्निर्माण की पहल:
अब खबर है कि भारत-पाकिस्तान के सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए इस मंदिर के पुनर्निर्माण पर विचार किया जा रहा है। BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला की यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच इस ऐतिहासिक मंदिर को फिर से जीवंत करने की संभावनाएं तेज हो गई हैं।

नीचे वीडियो देखें:


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