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सिख नेता गुरलाड़ सिंह काहलों |
नई दिल्ली 25 अप्रैल: बीते दिनों पहलगाम मैं हुए आतंकी हमले के बाद देश भर से इसके प्रति रोष देखने को मिल रहा है। इसी के विरोध में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के पूर्व सदस्य गुरलाड़ सिंह काहलों ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कश्मीर के लोगों को संदेश दिया कि अब केवल कैंडिल मार्च निकालने से कुछ नहीं होगा, अब समय आ चुका है जब उन्हें खुलकर आतंक के खिलाफ, कश्मीर और कश्मीरियत को बचाने की खातिर, आई एस आई (ISI), पाकिस्तान सरकार और आतंकी संगठनों के खिलाफ खुलकर आवाज उठानी होगी, वरना उनका रोजगार खत्म होने के चलते जीवन-बसर करना मुश्किल हो जाएगा।
गुरलाड़ सिंह ने कहा पिछले कुछ समय से कश्मीर में जिस प्रकार सैलानियों की आमद में बढ़ोतरी हुई, वह आईएसआई (ISI) जैसे आतंकी संगठनों से बर्दाश्त नहीं हो रहा था क्योंकि उनके मंसूबे तभी कामयाब होते हैं जब कश्मीर के लोग बेरोजगार हों, तभी वह उनके बहकावे में आकर जेहाद के रास्ते पर चलते है।
गुरलाड़ सिंह ने कहा जिस प्रकार घर आए मेहमानों पर हमला किया गया, उससे ऐसा प्रतीत होता है मानो अब गुनाह-ए-अजीम हो गया। इस लिए इनके खिलाफ भारत की सरकार को ही नहीं अब हर कश्मीरी को खुलकर आवाज उठानी होगी।
उन्होंने कहा श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह मेहदी जिसने पर्यटकों को हमलावर बताया और पीडीपी (PDP) के विधायक वहीद पारा जिसने अस्सी हज़ार (80,000) डोमिसाइल बनने के विषय को उसी तरह से बताया जैसे हमला करने वाले आतंकी संगठन TRF (लश्कर-ए-तैयबा) ने हमले की जिम्मेवारी लेते हुए बताया है।
घाटी के ये नेता पाकिस्तान की ISI और आर्मी के एजेंडे को अपने ज़हरीले बयानों से हिंदुओं और सिखों के खिलाफ हमेशा इस्तेमाल करती आई है। इनके यही बयान यहां के हिंदुओं और सिखों को घाटी में ना रहने पर हमेशा विवश करते आयें हैं और इनके बयानों का ही सहारा लेकर पाकिस्तान ISI अपने आतंकवादियों से घाटी के हिंदुओं और सिखों को हमेशा अपना लक्ष्य बनाता आया है।
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