बारामूला/श्रीनगर: ✍️Lieutenant. Preeti Mohan
कश्मीर घाटी में बढ़ते तनाव और असुरक्षा के माहौल के बीच सिख समाज ने एक बार फिर "सेवा" की परंपरा को जीवंत कर दिया है। उड़ी सेक्टर से सटे गांवों से आए 150 से अधिक हिंदू और सिख नागरिकों ने बारामूला के छठी पादशाही गुरुद्वारा साहिब में शरण ली है।
स्थानीय सिख समुदाय ने इन लोगों के लिए लंगर, चिकित्सा, सुरक्षा और परिवहन जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अत्यंत व्यवस्थित और मानवता पूर्ण तरीके से संभाल रखी हैं। यह पहल संकट की घड़ी में मानवीय एकजुटता और सहानुभूति का प्रतीक बन गई है।
इसी प्रकार, श्रीनगर में जवाहर नगर, अलूची बाग और रेनवारी स्थित गुरुद्वारों ने भी अन्य राज्यों से आए श्रमिकों और मजदूरों के लिए रहने, भोजन और आवश्यक सहायता की पूरी व्यवस्था कर रखी है। गुरुद्वारों की यह सेवा भावना घाटी में राहत और विश्वास की मिसाल बनकर सामने आई है।
स्थानीय लोग और प्रशासन भी सिख समाज की इस पहल की प्रशंसा कर रहे हैं, जो संकट के समय में सहारा बनने का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है.
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